परमाणु संरचना
परिचय
प्रकृति में ठोस, द्रव या गैस अवस्था में उपलब्ध जितनी भी वस्तुएं है वे द्रवया पदार्थ कहलाती है। प्रत्येक पदार्थ छोटे छोटे कण अणुओ से बना होता है। अणु पदार्थ का वह छोटे से छोटे कण है जिसमे पदार्थ के सभी भौतिक तथा रासानियक गुण विधमान हो और जो स्वतंत्रत अवस्था में रह सकता हो।
अणु को भी उससे छोटे सूक्ष्म कणों में विभाजित किया जा सकता है जो परमाणु कहलाते है। परमाणु पदार्थ का वह छोटे से छोटा कण है जो रासानियक किरया में भाग ले सकता है परन्तु उसका स्वतंत्रत अवस्था में रह पाना आवश्यक नहींहै।
वस्तुतः परमाणु इतने सूक्ष्म होते है कि उंन्हें नंगी आँख अथवा लेंस आदि की सहायता से भी नहीं देखाजा सकता है
एक ही प्रकारके परमाणु से बने पदार्थ तत्व तथा एक से अधिक प्रकार के परमाणु से बने पदार्थ यौगिक कहलाते है।
संरचना –
परमाणु में एक केन्द्रीय भाग होता है जिसे नाभिक कहते है। नाभिक में प्रोटोन तथा न्यूट्रोन स्थित होते है नाभिक के चारो और रिक्त स्थान होता है जिसमे विभिन्न वृत्ताकार अथवा दीर्घ वृत्ताकार कक्षाओं में इलेक्ट्रोन्स परिक्रमा करते रहते है
प्रोटोन
–पॉजिटिव चार्ज की इकाई प्रोटोन कहलाती है। इसके चार्जका मान 1.6X10-19कूलाम होता है। विभिन्न तत्वो से प्राप्त प्रोटोन सब प्रकार से एक समान होते है। ये नाभिक में स्थित रहते है और किसी प्रकार की गति नहीं करते है। इलेक्ट्रोन की तुलना मेंप्रोटोन १८४५ गुनाभारी होते है
आविष्कारक – गोल्डस्टीन
आवेश – 1.6X10-19कूलाम
मात्रा – 1.67X10-27 किलोग्राम
कण – धनावेशित
न्यूट्रोन
– यह एक विधुत उदासीन कण है जो प्रोटोन की भाँति ही नाभिक में स्थित रहता है और किसी प्रकार की गति नहीं करता। एक न्यूट्रोन का भार एक प्रोटोन के भर के लगभग बराबर होता है।विभिन्न तत्व से प्राप्त न्यूट्रोन सब प्रकार से एक समान होते है।
आविष्कारक – चैडविक
आवेशहीन
एक न्यूट्रोन का भारएक प्रोटोन केभर के लगभगबराबर होताहै।
इलैक्ट्रोन
-नेगेटिव चार्ज की इकाई इलैक्ट्रोन कहलाती है। इसके चार्ज का मान 1.6X10-19 कूलाम अर्थात प्रोटोन के चार्ज के बराबर होता है। परन्तु विपरीत प्रकार का। विभिन्न तत्व से प्राप्त इलैक्ट्रोन सब प्रकार से एक समान होते है। इनमें दो प्रकार की गति होती है। एक तो नाभिक के चारो ओर परिक्रमा करने की
गति , जो कक्षीय गति कहलाती है दूसरी गति ठीक उसी प्रकार की होती है जिस प्रकार एक लटटू अपनी कीली पर चक्कर काटता है यह गति चक्रण गति कहलाती है।
आविष्कारक – जे. जे थॉमसन
आवेश – 1.6X10-19कूलाम
मात्रा – 9.1X10-31 किलोग्राम
कण – ऋणावेशित