नमस्कार _/ \_ आज की पोस्ट में हम आपको बता रहे है P-N-P/ N-P-N ट्रांसिस्टर की पहचान करना की ट्रांसिस्टर पर अंकित कोड की पहचान कैसे करे। ट्रांसिस्टर पर अंकित कोड से हमे यह पता लग जाता है की ट्रांसिस्टर किस अर्द्धचालक का बना हुआ है और किस कार्य क्षेत्र में उपयोग किया जा सकता है। आज की पोस्ट आप सब के लिए बहुत ही उपयोगी है।
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जर्मेनियम / सिलिकॉन तथा P-N-P/ N-P-N ट्रांसिस्टर की पहचान करना।
ट्रांसिस्टर दो प्रकार के होते है– P-N-P टाइप तथा N-P-N टाइप। P-N-P ट्रांसिस्टर में दो P-टाइप समी कन्डक्टर मैटीरियल के बीच एक N-टाइप मैटीरियल होता है। जबकि N-P-N ट्रांसिस्टर में दो N टाइप मैटीरियल के बीच में एक P टाइप मैटीरियल को जोड़ा जाता है ये दोनों प्रकार के ट्रांसिस्टर जर्मेनियम तथा सिलिकॉन सेमी कंडक्टर मैटीरियल के बने होते है।प्रत्येक ट्रांसिस्टर के ऊपर नम्बर्स लिखे होते है। जिसमे प्रथम नम्बर यह बताता है कि ट्रांसिस्टर जर्मेनियम है अथवा सिलिकॉन तथा दूसरा नम्बर ट्रांसिस्टर की ऑपरेटिंग फ्रीक़्वेंसी रेंज अथवा उसके कार्य क्षेत्र को प्रदर्शित करता है। P-N-P तथा N-P-N ट्रांसिस्टर के संकेत चित्र में दिखाए गये है ।संकेत के आधार पर P-N-P ट्रांसिस्टर में एमीटर P पदार्थ का बना होता है तथा इसमे तीर का निशान बेस की ओर होता है। N-P-N ट्रांसिस्टर में एमीटर N पदार्थ का बना होता है तथा इसमे तीर का निशान बेस से बाहर की ओर होता है। विभिन्न प्रकार के ट्रांसिस्टर्स पर लिखे नम्बर्स के अभिप्राय इस प्रकार है।
1-प्रथम अक्षर ट्रांसिस्टर किस सेमीकन्डक्टर मैटीरियल का बना है यह प्रदर्शित करता है। जैसे
A-A यह प्रदर्षित करता है कि यह जर्मेनियम पदार्थ का बना हुआ है।
B-B यह प्रदर्षित करता है कि यह सिलिकॉन ट्रांसिस्टर है।
C-C यह बताता है कि सेमीकन्डक्टर के रूप में गैलियम आर्सेनाइट सिलिकॉन के स्थान पर प्रयोग किया गया है।
D-D यह प्रदर्शित करता है कि सेमीकन्डक्टर क्र रूप में इंडियम – एंटीमोनाइड प्रयोग किया गया है तथा इसमे एक से अधिक जंक्शन है।
R-R यह प्रदर्शित करता है कि इसमें प्रयुक्त सेमीकन्डक्टर फोटोकंडक्टिव पदार्थ है।
2-ट्रांसिस्टर पर अंकित कोड का दूसरा अक्षर ट्रांसिस्टर अथवा डायोड की ऑपरेटिंग फ्रीक़्वेंसी रेंज को प्रदर्शित करता है जिससे ट्रांसिस्टर के कार्य क्षेत्र का पता चलता है । जैसे
A-हाई स्पीड डायोड या डिटेक्टर सिजदे के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
B-B अक्षर का प्रयोग वैरियेबल कैपेसिटेन्स डायोड के लिए किया जाता है।
C-C अक्षर का प्रयोग आडियो फ्रीक़्वेंसी रेंज के सिगनल के एम्पलीफिकेशन में प्रयुक्त ट्रांसिस्टर्स के लिए किया जाता है।
D-ऑडियो फ्रीक़्वेंसी एम्पलीफायर में पवार ट्रांसिस्टर्स के लिए प्रयोग किया जाता है।
E-टनल डायोड के लिए प्रयोग किया जाता है
F-रेडियो फ्रीक़्वेंसी एम्पलीफायर रेज के ट्रांसिस्टर्स के लिए प्रयोग किया जाता है।
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इस प्रकार के विभिन्न प्रकार के ट्रांसिस्टर को उनके कोड नम्बर से पहचान कर उनके कार्य क्षेत्र तथा उनके प्रयुक्त सेमी कन्डक्टर मैटीरियल के बारे में पता लगाया जा सकता है।
3-दो अक्षरों के बाद अंकित दो या तीन अंको की सख्या ट्रांसिस्टर की विशेषताओं के अंतर को प्रदर्शित करती है। जैसे– AC 126 तथा AC 128 दोनों जर्मेनियम ट्रांसिस्टर है परन्तु दोनों ट्रांसिस्टर्स की कलेक्टर, एमीटर करेंट तथा गेन में अंतर है। विभिन्न इलैक्ट्रोनिक कम्पनियो द्वारा बनाये जाने वाले कुछ ट्रांसिस्टर तथा उनके कार्य क्षेत्र निम्न प्रकार है।
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