मैटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर फील्ड इफैक्ट ट्रांसिस्टर (MOSFET)
नमस्कार पाठको _/ \_
Advertisements
आज की पोस्ट में हम आपको बता रहे है की MOSFET किसे कहते है और MOSFET की कार्य प्रणाली क्या है। MOSFET का उपयोग ऑसिलोस्कोप कम्प्यूटर मैमोरी के वोल्टेज वैरिएबिल रेसिस्टर में किया जाता है। जो मेरे दोस्त इलैक्ट्रोनिक्स सीख रहे है उनको इलैक्ट्रोनिक्स कॉम्पोनेन्ट की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है।
मैटल ऑक्साइड सेमीकंडक्टर फील्ड इफैक्ट ट्रांसिस्टर
(Metal Oxide Semiconductor Field Effect Transistor, MOSFET)
MOSFET या IGFET ( Insulated Gate FET) निम्न दो प्रकार के होते है
(1)- MOSFET या DE-MOSFET (Depletion Enhancement MOSFET)– इस प्रकार के ट्रांसिस्टर को दो शैलियों में प्रचालित किया जा सकता है। एक तो आवेश वाहकों की कमी शैली में (Deplection) और दूसरे आवेश वाहकों की बहुलता (Enhancement) शैली में और इस कार्य के लिए ट्रांसिस्टर की वोल्टेजेस की धुव्रता मात्र ही बदलनी पड़ती है। जब किसी N-चैनल MOSFET का गेट–से–सोर्स वोल्टेज ऋणात्मक होता है तो वह बहुलता शैली(Enhancement mode)में कार्य करता है। इसके विपरीत यदि N- चैनल MOSFET का गेट–से–सोर्स वोल्टेज धनात्मक रखा जाता है तो वह कमी शैली (Depletion mode) में कार्य करता है। इस युक्ति को (ON-MOSFET) भी कहते है।
(2)- E-ONLY MOSFET (Enhancement-only MOSFET)– इस प्रकार के MOSFET को केवल आवेश वाहकों की बहुलता शैली में,अधिक धनात्मक गेट वोल्टेज पर ही प्रचालित किया जा सकता है। इसे OFF-MOSFET भी कहते है।
संरचना – FET की भाँति ही MOSFET में भी सोर्स गेट और ड्रेन होते है परन्तु इसका गेट एक महीन मैटल–ऑक्साइड पर्त, प्रायः सिलिकॉन ऑक्साइड (SiO2) की होती है। इसी अचालक पर्त के कारण ही इस FET को IGFET भी कहते है। FET तथा MOSFET में मुख्य अंतर यह है कि MOSFET में गेट पर धन एवं ऋण दोनों प्रकार के वोल्टेज आरोपित किये जा सकते है।
इन्हे भी देखे 🙄
- यूनिजंक्शन ट्रांसिस्टर (UJT)
- फील्ड इफैक्ट ट्रांसिस्टर (FET)
- माइका कैपेसिटर किसे कहते है
- S.M.D क्या है
Advertisements
कार्य प्रणाली –जब VGS = 0 है और VDS = सामान्य है तो इलैक्ट्रोंस सोर्स से ड्रेन की ओर स्वतंत्रता से चलते है गेट पर ऋणात्मक वोल्टेज आरोपित करने पर N-चैनल आवेश वाहकों को कमी अवस्था में पहुँच जाता है। गेट पर आरोपित ऋणात्मक वोल्टेज का मान जितना अधिक होगा ड्रेन करंट (ID) का मान उतना ही घट जाएगा। अत्यधिक ऋणात्मक वोल्टेज ड्रेन करंट को कट ऑफ अवस्था में पहुँचा देगा।
उपयोग–इनका उपयोग ऑसिलोस्कोप, इलैक्ट्रोनिक वोल्टमीटर लॉजिक परिपथ टी०वी० रिसीवर के FM मिक्सर तथा कम्प्यूटर मैमोरी के वोल्टेज वैरिएबिल रेसिस्टर में किया जाता है।
दोस्तों अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी और उपयोगी लगी है तो आपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और पोस्ट को Like और Share जरूर करे । और इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग www.electronicgyan.com को फॉलो करे.