नमस्कार पाठको _/ \_ P तथा N प्रकार के पदार्थ आज की पोस्ट में हम आपको बता रहे है की ट्रांसिस्टर के निर्माण में P-प्रकार तथा N-प्रकार का जर्मेनियम या सिलिकॉन प्रयोग किया जाता है आज हम आपको बता रहे है की जर्मेनियम या सिलिकॉन में अन्य तत्व की डोपिंग कैसे की जाती है।
(Trivalent) तत्व इंडियम या गैलियम ( Indium or Gallium) को अशुद्धि के रूप में मिला दिया जाता है तो प्रत्येक इंडियम परमाणु में एक इलैक्ट्रोन की कमी पैदा हो जाती है इलैक्ट्रोन की कमी होल्स कहलाती है। होल्स पैदा करने वाली अशुद्धि के परमाणु एक्सैप्टर (Accepter) परमाणु कहलाते है और एक्सैप्टर परमाणुओ की अशुद्धि वाला पदार्थ, P प्रकार का पदार्थ कहलाता है
टिप्पणी– होल का अर्थ है इलैक्ट्रोन के लिए रिक्त स्थान ।
(Pentavalent) तत्व आर्सेनिक या एन्टीमनी (Arsenic or Antimony) को अशुद्धि के रूप में मिला दूय जाता है तो अशुद्धि परमाणु के पांचवें इलैक्ट्रोन को सह–संयोजी बन्ध संरचना में कोई स्थान नही मिल पाता और वह मुक्त इलैक्ट्रोन के रूप में क्रिस्टल में विचरने लगता है। मुक्त इलैक्ट्रोन पैदा करने वाली अशुद्धि के परमाणु डोनर परमाणु (Donor Atom) कहलाते है और डोनर परमाणुओ की अशुद्धि वाला पदार्थ N प्रकार का पदार्थ कहलाता है
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