इस विधि में फील्ड फ्लक्स को घटाने बढ़ाने के लिए फील्ड वाइंडिंग के सिरीज में एक रिहोस्टेट लगाया जाता है | रिहोस्टेट रेजिस्टेंस का मान घटाने से फील्ड फ्लक्स बढ़ता है और उससे मोटर की गति बढ़ती है | इस विधि में सामान्य गति की अपेक्षा 15% से 30% तक अधिक गति प्राप्त की जा सकती है यह सस्ती और सरल विधि है |
इस विधि में आर्मेचर के सिरीज में एक रिहोस्टेट लगाया जाता है | रिहोस्टेट रेजिस्टेंस का मान घटाने से आर्मेचर का विभवान्तर बढ़ता है और उससे मोटर की गति बढ जाती है | इस विधि में विधुत शक्ति अधिक व्यय होती है और मोटर की गति सामान्य से कम रहती है |
इस विधि में रिहोस्टेट सप्लाई के सिरीज में लगाया जाता है | रिहोस्टेट रेजिस्टेंस का मान घटाने से फील्ड और आर्मेचर को अधिक वोल्टेज जाने लगता है और मोटर की गति बढ़ जाती है | इस विधि में विधुत शक्ति अधिक व्यय होती है इस लिए यह विधि बहुत कम प्रयोग की जाती है |
सिरीज मोटर की गति नियंत्रित करने के लिए फील्ड अथवा आर्मेचर के समानान्तर में रिहोस्टेट लगाया जाता है | जो डाइवर्टर (diverter) कहलाता है | डाइवर्टर रेजिस्टेंस बढ़ाने से मोटर की गति बढ़ जाती है और इसके विपरीत डाइवर्टर रेजिस्टेंस घटाने से मोटर की गति घट जाती है |
दोस्तों अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी और उपयोगी लगी है तो आपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और पोस्ट को Like और Share जरूर करे । और इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग electronic gyan को subscribers करे.
Transistor Previous Year questions in hindi , DMRC maintainer Electronic Mechanic, UPRVUNL TG2 ट्रांजिस्टर महत्वपूर्ण…
नमस्कार दोस्तों :- दोस्तों आज की पोस्ट उन सभी विधार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी…
नमस्कार दोस्तों :- दोस्तों आज की पोस्ट उन सभी विधार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी…
DC Motor क्या है ? वह विधुत मोटर जो DC सप्लाई पर कार्य करती है…
Forward reverse motor starter circuit के बारे में जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक…
PNP और NPN ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर PNP और NPN के बीच एक बड़ा…