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Generators कितने प्रकार के होते है ? / Generators की चुम्बक और वाइंडिंग विधि।

नमस्कार , दोस्तों आज हम जानेंगे Generators कितने प्रकार के होते है। चुम्बक के आधार पर Generators कितने प्रकार के होते है। और Generators में वाइंडिंग कितने Type की होती है या वाइंडिंग के आधार पर Generators कितने प्रकार के होते है। चुम्बक के आधार पर जैनेरेटर कितने प्रकार के होते है यह जानने से पहले चुम्बक किसे कहते है ? और चुम्बक कितने प्रकार की होती है। यह जानना जरुरी है

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जैनेरेटर्स की किस्मे (type of generators) जैनेरेटर्स का वर्गीकरण निम्न दो प्रकार से किया जा सकता है।

1. चुम्बक के आधार पर

  • स्थाई चुम्बक (permanent magnet)
  • पृथक उत्तेजित (separately excited)
  • स्व उत्तेजित (self excited)

2. वाइंडिंग कनैक्शन के आधार पर

  • सीरीज वाउंड (Series Wound)
  • शंट वाउंड (Shunt Wound)
  • कम्पाउंड वाउंड (Compound Wound)
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चुम्बक के आधर पर – जैनेरेटर्स में फील्ड के लिए किस प्रकार का चुम्बक प्रयोग किया गया है आधार पर जैनेरेटर्स तीन प्रकार के होते है। चुम्बक के आधार पर जैनेरेटर को समझने से पहले चुम्बक कितने प्रकार की होती है और स्थाई चुम्बक किसे कहते है यह जानना जरुरी है निचे दिए पोस्ट को पहले पढ़े

स्थाई चुम्बक जैनेरेटर – इस प्रकार के जैनेरेटर में फील्ड पैदा करने। के लिए स्थाई चुम्बक प्रयोग किया जाता है। वे जैनेरेटर बहुत छोटे आकार के होते है और इन्हें व्यावहारिक भाषा। मे मैग्नेटो Magneto कहते है । इनका उपयोग साईकिलों स्कूटरों आदि में वि.वा.ब. पैदा करने के लिए किया जाता है। ये ए.सी. अथवा डी.सी. वी. वा.ब. पैदा करने के लिए बनाये जाते है।

Permanent Magent Generator

पृथक उत्तेजित जैनेरेटर – इस प्रकार के जैनेरेटर में फील्ड पैदा करने के लिए विधुत चुम्बक प्रयोग किये जाते है। विधुत चुम्बकों को बैट्री अथवा पृथक डी.सी. सप्लाई से उत्तेजित किया जाता है इसीलिए। इन्हें पृथक उत्त्तेजित जैनेरेटर कहते है। इस प्रकार की मशीन ए.सी. पैदा करने के लिए भी प्रयोग की जाती है तब इन्हें ए.सी.  जैनेरेटर या आल्टरनेटर कहते है।

Separately Excited

स्व उत्तेजित जैनेरेटर – इस प्रकार के जैनेरेटर मे फील्ड पैदा करने के लिए उसी जैनेरेटर के द्वारा पैदा किये गये वी.वा.ब. से उत्तेजित होने वाले विधुत चुम्बक प्रयोग किये जाते है। प्रारम्भ में पोल्स के अवशिष्ट चुम्बकत्व के कारण आर्मेचर में थोड़ा वि.वा.ब. पैदा हो जाता है । यह प्रेरित वि.वा.ब. फील्ड क्वायल्स को दे दिया जाता है जिससे जैनेरेटर ओऔर अधिक वि.वा.ब. पैदा करने लगता है । धीरे धीरे आर्मेचर पूरा वि.वा.ब. पैदा करने लगता है।

 

वाइंडिंग कनैक्शन के आधार पर Generators की वाइंडिंग कनैक्शन के आधार पर स्व उत्तेजित जैनेरेटर निम्न तीन प्रकार के होते है।

सीरीज वाउंड Generators – इस प्रकार के जैनेरेटर में आर्मेचर फील्ड के सीरीज में लगाया जाता है। फील्ड मोटे तार का और कम लपेटो वाला होता है। बिना। लोड लगाये यह जैनेरेटर वि. वा.ब. पैदा नही करता अतः। इसका उपयोग ऐसे कार्यो में किया जाता है। जिनमे लोड हर समय लगा रहे जैसे बूस्टर में। इस जैनेरेटर मे लोड करंट बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज भी बढ़ जाता है।

Series Wound Generator

शंट वाउंड Generators – इस प्रकार के जैनेरेटर में आर्मेचर करंट दो शाखाओ में बंट जाती है, एक तो क्षेत्र और दूसरे बाह्म सर्किट में । क्षेत्र में से जाने वाली करंट का मान कम रखा जाता है। जिससे कि बाह्म सर्किट (लोड सर्किट ) के लिए अधिक करंट उपलब्ध रहे। अतः आर्मेचर तथा फील्ड दोनों समानान्तर में लगाये जाते है। फील्ड वाइंडिंग पतले तार की ओर अधिक लपेटो की बनाई जाती है। यह जैनेरेटर बीना लोड के भी वि.वा.ब. पैदा कर सकता है।और लोड करंट बढ़ने से टर्मिनल वोल्टेज घट जाता है । इसका उपयोग बैट्री चार्जिंग आदि। कार्यो में किया जाता। है।



Shunt Wound Generator

कम्पाउन्ड वाउंड Generators – यह जैनेरेटर सीरीज और शंट वाउंड जैनेरेटर का संयुक्त रूप है। इसमें फील्ड वे वाइंडिंग दो भागों से बनी होती है एक भाग आर्मेचर के सीरीज में दूसरा शंट में जोड़ा जाता है इस प्रकार इस जैनेरेटर मे टर्मिनल वोल्टेज पर लोड करंट के घटने बढ़ने का विशेष प्रभाव नही पड़ता यह जैनेरेटर बहुउपयोगी है और सभी प्रकार के कार्यो में इसका उपयोग किया जाता है।

Compound Wound Generator

 

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