चुम्बक किसे कहते है प्रक्रति में पाया जाने वाला कत्थई रंग का मैग्नेटाइट (Fe3 O4) पत्थर मैगनेट कहलाता है। सर्वप्रथम यह पत्थर एशिया में मैग्नीशिया नामक स्थान में पाया गया था। इसलिए इसे मैग्नेटाइट नाम दिया गया। मैग्नेटाइट शब्द सरल होकर मैगनेट रह गया।
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चुम्बक(Magnet)
भारत में यह पत्थर तमिलनाडु तथा उड़ीसा राज्यो में पाया जाता है हिन्दी भाषा में मैगनेट को चुम्बक कहते है। चुम्बक के गुण उसका चुम्बकत्व (Magnetism) कहलाते है।
यह लोहे के बुरादे को अपनी ओर आकर्षित कर लेता है। चुम्बक के वे दो भाग जहाँ सबसे अधिक लोहे का बुरादा चिपकता है धुर्व (Pole) कहलाते है।
स्वतंत्रापूर्वक लटकाया गया चुम्बक उत्तर–दक्षिण दिशा में ठहर जाता है। चुम्बक का उत्तर खोजी सिरा उत्तरी धुर्व (North pole) तथा दक्षिण खोजी सिरा दक्षिणी धुर्व (South pole) कहलाता है। चुम्बक के इस दैशिक गुण के कारण उसे लोड स्टोन (Leading stone or load stone)भी कहा जाता है।
दो चुम्बकों से सजातीय धुर्व में प्रतिकर्षण (Repulsion) तथा विजातीय धुर्वो में आकर्षण (Attraction) होता है।
किसी लोहे की छड़ पर यदि चुम्बक को बार बार रगड़ा जाये तो वह भी चुम्बक बन जाती है।
किसी चुम्बक को लाल गर्म करके एक दम ठंडा कर देने पीटने या पटकने से उसका चुम्बकत्व घाट जाता है या समाप्त हो जाता है।
चुम्बकत्व का अणुक सिद्धान्त (Molecular Theory of Magnetism)
हम जानते है कि प्रत्येक पदार्थ छोटे छोटे कणो से मिलकर बनता है जो अणु (Molecules) कहलाते है। कुछ पदार्थो के अणु स्वतंत्र चुम्बक की भांति व्यवहार करते है। सामान्य अवस्था में ये अणु पदार्थ में अनियमित रूप से बिखरे रहते है और वे एक दूसरे के प्रभाव उदासीन कर देते है।
फलस्वरूप, सामान्य अवस्था में पदार्थ में चुम्बकत्व नही होता। जब पदार्थ पर बाह्म चुम्बकीय क्षेत्र कार्य करने लगता है तो उसके अणु चुम्बक चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में व्यवस्थित होने लगते है।
जब सभी अणु चुम्बक चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा में व्यवस्थित हो जाते है तो पदार्थ चुम्बक बन जाता है। अणुओं में विधमान चुम्बकीय गुण उसके परमाणुओं (atoms) में विधमान इलेक्ट्रोन्स की कक्षीय गति तथा चक्रण गति (Orbital and spin motion) के कारण पैदा होता है। यही चुम्बक का अणुक सिद्धान्त कहलाता है।
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