Definition

डायोड किसे कहते है

हेल्लो दोस्तों
आज हम आप को बताते है की डायोड क्या है।  ऐसे तो आपको डायोड की बहुत सारी परिभाषा मिल जाएंगी लेकिन हमने डायोड को आसान परिभाषा में समझाने की कोशिस की है। जिससे की जो मेरे दोस्त अभी इलैक्ट्रोनिक्स सीख रहे है वो आसानी से समझ सके। की डायोड कैसे काम करता है

डायोड किसे कहते है

डायोड (Diode)

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थर्मिओनिक वाल्व या वाल्व एक एक्टिव पुर्जा है।
वाल्व का अर्थ है एक ही दिशा में कार्य करने वाली युक्ति (Device)इलैक्ट्रोनिक्स उपकरणों में प्रयोग

किया जाने वाला वाल्व भी एक दिशा में कार्य करने वाली युक्ति है क्योंकि इसमें से करंट का प्रवाह केवल एक ही

Diode

दिशा में हो सकता है डायोड का पूरा नाम सेमी कन्डक्टर डायोड वाल्व है। डायोड एक ऐसी यूनि ड्रेसनल डिवाइस है जिसके दो सिरे होते है इनमे से एक सिरे को एनोड तथा दूसरे सिरे को कैथोड कहते है। यह AC को DC में बदलने का कार्य करता है यह भी कह सकते है कि इसमें करंट केवल एक ही दिशा में प्रवाहित होती है दुसरी दिशा में नही होती है। क्योंकि DC करंट एक ही दिशा में प्रवाहित होती है।

जरूर पढ़े। 🙄

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वाल्व का आविष्कार अमेरिका के थॉमस एडिसन नामक वैज्ञानिक ने उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में किया थाएडिसन ने देखा की यदि साधारण बिजली के बल्व में एक धात्विक प्लेट और लगा दी जाये तथा बल्व को पूर्णतः निर्वात (vacuum) के दिया जाये तो निर्वात में से होकर फिलामेन्ट और प्लेट के (धनावेशित) के बीच करंट प्रवाहित की जा सकती है। एडिसन का आविष्कार एडिसन प्रभाव (Edison effect)के मान से विख्यात हुआ ।
सन 1904 में वैज्ञानिक जे.. फ्लैमिंग ने इलैक्ट्रॉन एमिशन सिद्धान्त के आधार पर एडिसन प्रभाव की व्याख्या की और इस एक दिशा में कार्य करने वाली युक्ति का नाम वाल्ब रखा। वाल्व क्योंकि पूर्णतः निर्वात होता है अतः इसे वैक्यूम ट्यूबभी कहा जाता हैफ्लैमिंग ने ही वाल्व का उपयोग AC को DC में परिवर्तित करने वाले परिवर्तक के रूप में किया था ।
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कोई भी डायोड जर्मेनियम या सिलिकॉन सेमी कंडक्टर का बना होता है। किसी भी डायोड में एक जंक्शन और लैपर होती है मार्किट में डायोड फॉरवर्ड बायस करंट रेटिंग और रिवर्स बायस वोल्टेज रेटिंग के हिसाब से मिलते है
जैसे–  IN 4001 1 Ampier  100 volt IN 4003 1 Ampier 300 volt यह वोल्ट रिवर्स बायस में होती है तथा डायोड की वोल्ट बाद की सख्या पर निर्भर करती है। किसी भी डायोड का साइज उसकी करंट रेटिंग के ऊपर निर्भर करता है।
डायोड साइज में जितना ज्यादा होगा उसकी करंट रेटिंग उतनी ही अधिक होगी 6 एम्पीयर से अधिक के डायोड को मैटल कवर के अंदर बनाया जाता है। इसी लिए अधिक एम्पीयर के डायोड को मैटल डायोड या पावर डायोड के नाम से भी जानते है। मैटल डायोड 5 एम्पीयर से लेकर हजारो एम्पीयर तक हो सकते है

 

इलैक्ट्रोनिक्स सर्किट्स में विभिन्न प्रकार के सेमी कन्डक्टर डायोडस प्रयोग में लाये जाते है। प्रत्येक डायोड का कार्य तथा उनका उपयोग अलग अलग है। ये निम्नलिखित है।

1- रैक्टिफायर डायोड (Rectifier Diode) – यह एक साधारण P-N जंक्शन डायोड है इसका आधा भाग P टाइप सेमी कन्डक्टर से तथा आधा भाग N टाइप सेमी कन्डक्टर से मिलकर बना होता है। इसका उपयोग ए. सी.  वोल्टेज की डी. सी. वोल्टेज में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है । इसीलिए इसे रैक्टिफायर डायोड कहते है। इसका प्रयोग बैटरी एलिमिनेटर बनाने तथा विभिन्न प्रकार की पावर सप्लाई सर्किट्स में किया जाता है ।

2- जीनर डायोड (Zener Diode) – इसे जीनर या एवलांची डायोड भी कहते है। इसका कार्य डी. सीं. वोल्टेज रेगुलेट कराना होता है। जीनर डायोड रिवर्स बायस में कार्य करता है । जब रिवर्स वोल्टेज बढ़ायी जाती है तो एक निश्चित वोल्टेज पर डायोड ब्रेक डाउन कर जाता है तथा बहुत अधिक मात्रा में रिवर्स करंट प्रवाहित होती है इनका उपयोग वोल्टेज रेगुलेटर सर्किट्स में किया जाता है। ये विभिन्न वोल्टेज रेटिंग के प्राप्त होते है।

Diodes

3- लाइट इमिटिंग डायोड (Light Emitting Diode)- इन्हे L.E.D. भी कहते है ये एक प्रकार के P-N  जंक्सन दीदी होते है। जो पारदर्शक (Transparent) मैटीरियल का बना होता है जिसके कारण जंक्शन के बीच इलैक्ट्रॉन्स तथा होल्स के संयोजन से प्रकाश उत्सर्जित होता है । जिससे इनमे रंग के अनुरूप चमक पैदा होती है इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के इलैक्ट्रोनिक्स खिलौनो इलैक्ट्रोनिक या डिजिटल घड़ियों कैल्कुलेटर्स इंत्यादि उपकरणों में किया जाता है ।

4- वैरेक्टर डायोड (Varactor Diode)- इस डायोड के अंतर्गत P-N जंक्शन के बीच एक कैपेसिटर बन जाता है जिसकी कैपासिटी रिवर्स बायस के वोल्टेज के साथ बदलती है । इसका उपयोग विभिन्न उपकरणों जैसे कलर टी.वी. रिसीवर्स के इलैक्ट्रोनिक ट्यूनर सैक्शन में L-C टयून्ड सर्किट्स की वोल्टेज को स्वतः घटाने-बढ़ाने के लिए किया जाता है ।

5- टनल डायोड (Tunnel diode) – टनल डायोड भी एक प्रकार का P-N जंक्शन डायोड ही है। परंतु इसमे एम्प्योरिटीज की अधिक मात्रा में डोपिंग कराई जाती है । एम्प्योरिटीज (Impurities) की मात्रा अधिक होने के कारण जंक्शन ब्रेक डाउन आसानी से हो जाता है और डिपलिशन लेयर (Depletion Layer) की मोटाई कम हो जाती है यह डायोड फारवर्ड बायस में कार्य करते है। इसमें ऋणात्मक प्रतिरोध होने के कारण फारवर्ड वोल्टेज बढ़ाने पर धारा का मान एक निश्चित वोल्टेज पर कम हो जाता है। ततपश्चात बढ़ता है इनका उपयोग हाई फ्रीक्वेन्सी सर्किट्स में स्विचिंग के लिए कंप्यूटर्स तथा विभिन्न लॉजिक सर्किट्स में किया जाता है ।

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