सिद्धान्त–यदि दो भिन्न धातुओं की छड़ो के सिरो के बीच पर्याप्त तापान्तर रखा जाये तो छड़ो के युगल में अल्प मान का डी०सी० वि०वा०ब० पैदा हो जाता है। छड़ो के युगल का यह गुण, पीजो–इलैक्ट्रिक प्रभाव (Piezo-electric effect) कहलाता है। थर्मो कपल यन्त्र पीजो–इलैक्ट्रिक सिद्धान्त पर ही कार्य करता है।
संरचना–इस यन्त्र में भिन्न धातुओं कॉन्सटैंटन तथा लोहे की दो पतली छड़े होती है । छड़ो के एक संगम (Joint) को गर्म करने के लिए एक हीटिंग एलिमेन्ट होता है छड़ो के स्वतन्त्र सिरो को ठण्डा रखने के लिए बड़े आकार के पीतल के संयोजक लगाये जाते है संयोजक, एक मूविंग क्वायल यन्त्र से जोड़ दिये जाते है
कार्य–जब हीटिंग एलिमेन्ट में से करंट प्रवाहित की जाती है। तो छड़ो का एक संगम गर्म हो जाता है जबकि छड़ो के दूसरे सिरे ठण्डे रहते है। इस प्रकार छड़ो के सिरो के बीच तापान्तर पैदा हो जाता है और पीजो–इलैक्ट्रिक प्रभाव के अनुसार छड़ो के युगल में डी०सी० वि०वा०ब० पैदा हो जाता है। एक थर्मो युगल में पैदा हुए वि०वा०ब० का मान 15 मिली वोल्ट से कम होता है, अतः अधिक करंट के लिए बनाये गये मापक यन्त्रो में एक से अधिक थर्मो युगल लगाये जा सकते है थर्मो वि०वा०ब० मूविंग क्वायल यन्त्र को चला सकता है जो करंट का मान दर्शाता है।
थर्मो कपल के गुण
थर्मो कपल के अवगुण
Transistor Previous Year questions in hindi , DMRC maintainer Electronic Mechanic, UPRVUNL TG2 ट्रांजिस्टर महत्वपूर्ण…
नमस्कार दोस्तों :- दोस्तों आज की पोस्ट उन सभी विधार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी…
नमस्कार दोस्तों :- दोस्तों आज की पोस्ट उन सभी विधार्थियों के लिए बहुत ही उपयोगी…
डी०सी० मोटर्स का स्पीड कन्ट्रोल (Speed Control of DC Motors) D.C. Shunt Motor की घूर्णन…
DC Motor क्या है ? वह विधुत मोटर जो DC सप्लाई पर कार्य करती है…
Forward reverse motor starter circuit के बारे में जानने से पहले यह जान लेना आवश्यक…