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P-N-P ट्रांसिस्टर का कार्य

P-N-P ट्रांसिस्टर का फारवर्ड बायस सर्किट दर्शाया गया है। इसमें एमीटर को बैट्री के पॉजिटिव से तथा कलैक्टर को बैट्री के निगेटिव से जोड़ा गया है। बेस को कलैक्टर की अपेक्षा काफी कम निगेटिव वोल्टेज दिया जाता है । एमीटर का पॉजिटिव आवेश, होल्स को एमीटर संगम की ओर विकर्षित करता है । बेस क्षेत्र का N-पदार्थ स्वाभाविक रूप से एमीटर द्वारा विकर्षित होल्स को आकर्षित कर लेता है। कुछ होल्स तो बेस क्षेत्र में मुक्त इलैक्ट्रोन्स  के साथ संयुक्त हो जाते है

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P-N-P ट्रांसिस्टर का कार्य (Working of P-N-P Transistor)

P-N-P Transistor circuit
परन्तु अधिकांश होल्स को कलैक्टर का प्रबल निगेटिव आकर्षण अपनी ओर खीच लेता है। इस प्रकार होल्स एमीटर क्षेत्र से चलकर एमीटर संगम बेस क्षेत्र तथा कलैक्टर संगम के पार कलैक्टर क्षेत्र में पहुँच जाते है। इस प्रकार P-N-P ट्रांसिस्टर में होल्स अर्थात रिक्तियाँ एमीटर से कलैक्टर की ओर खिसकती है, फलस्वरूप उतनी ही सख्या में मुक्त इलैक्ट्रोन्स  कलैक्टर से एमीटर की ओर चलते है।
ट्रांसिस्टर के वाह्म परिपथ में मुक्त इलैक्ट्रोन्स  एमीटर से चलकर बैट्री आदि से होते हुए कलैक्टर तक पहुँच कर अपना परिपथ पूरा करते है। एमीटर से कलैक्टर क्षेत्र की ओर खिसकने वाले होल्स की संख्या का नियंत्रण बेस बायस द्वारा किया जाता है और ट्रांसिस्टर के इसी गुण के आधार पर इसका उपयोग एम्पलीफिकेशन आदि कार्यो के लिए किया जाता है।
टिप्पणी एमीटर के कलैक्टर की ओर होल्स का प्रवाह ट्रायोड में कैथोड से एनोड की ओर इलैक्ट्रोन्स  प्रवाह की तुल्यता दर्शाने के लिए व्यक्त किया जाता है। वास्तव में होल का अर्थ है सहसंयोजी बंध संरचना (co-valent bond structure) में किसी अणु में एक इलैक्ट्रोन्स के लिए रिक्त स्थान और वैधुतिक करंट का संचालन (Conduction) मुक्त इलैक्ट्रोन्स के द्वारा ही होता है।
बैट्री का पॉजिटिव सिरा एमीटर क्षेत्र के सबसे बाँए परमाणु से एक इलैक्ट्रोन्स आकर्षित कर लेता है और उसमें एक होल पैदा कर देता है।यह परमाणु अपने होल को भरने के लिए अपने से दाँयी ओर के परमाणु से इलैक्ट्रोन्स चुरा  (Steal) लेता है और उसमें नया होल पैदा कर देता है। यह क्रिया इसी प्रकार पुरे एमीटर क्षेत्र उनके बाद बेस क्षेत्र और उसके बाद कलैक्टर क्षेत्र में तब तक चलती रहती है
जब तक की कलैक्टर क्षेत्र के दाँये सिरे का अन्तिम परमाणु बैट्री के निगेटिव सिरे से मुक्त इलैक्ट्रोन्स लेकर अपने होल को भर नही लेता । इस प्रकार स्पष्ट है कि करंट का संचालन तो मुक्त इलैक्ट्रोन्स के द्वारा होता है परन्तु इस प्रक्रिया में होल्स (इलैक्ट्रोन्स के लिए रिक्त स्थान) एमीटर से कलैक्टर की ओर खिसकते रहते है। दूसरे शब्दों में होल्स एमीटर से कलैक्टर की ओर चलते है, ऐसा कहा जा सकता है।

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