जीनर डायोड की कार्य विधि।

Zener diode circuit
हेल्लो दोस्तों उम्मीद करता हु की आप सब अच्छे होंगे दोस्तों आज हम आपको बता रहे है । जीनर डायोड की कार्य विधि क्या है, और जीनर डायोड सर्किट में कैसे कार्य करता है
जीनर डायोड (Zener Diode)
यह सामान्य डायोड की भाँति एक P-N सिलिकॉन जंक्शन होता है। इसके सेफ एन्वर्स वोल्टेज (safe inverse voltage) या ब्रेक डाउन वोल्टेज (break down voltage) का मान सामान्य डायोड की अपेक्षा कम होता है और निश्चित होता है । ब्रेक डाउन वोल्टेज मान से थोड़ी भी अधिक विपरीत बायस पर विपरीत दिशा में बहने वाली लीकेज करंट का मान एकाएक बढ़ जाता है
इस स्थिति में बहने वाली करंट एवलांची करंट ( Avlanche current) या जीनर करंट (zener current) कहलाती है । जीनर डायोड के इसी गुण के आधार पर इसका उपयोग वोल्टेज रैगुलेटर सर्किट्स (वोल्टेज मान में होने वाले परिवर्तन को समायोजित करने वाला सर्किट) में किया जाता है ।

इन्हे भी देखे।
जीनर डायोड की एक सीरीज रेसिस्टर के साथ रैगुलेट किये जाने वाले वोल्टेज स्रोत के पैरेलल में विपरीत दिशा में जोड़ा जाता है। डायोड के पैरेलल में लोड रेसिस्टर लगाया जाता है । जब इनपुट वोल्टेज का मान जीनर डायोड के ब्रेक डाउन वोल्टेज मान से अधिक हो जाता है तो सीरीज रेसिस्टर RS में से जीनर करंट बहने लगती है। RS में से बहने वाली कुल करंट का मान लोड + जीनर करंट के बराबर होती है।

इनपुट वोल्टेज का मान बढ़ने पर RS में से बहने वाली करंट का मान ओर बढ़ जायेगा। परन्तु जीनर डायोड का रेसिस्टेन्स घट जाने के कारण जीनर करंट का मान ही बढ़ेगा, लोड करंट का नही इस प्रकार RS के एक्रोस अधिक वोल्टेज ड्राप पैदा होगा और आउटपुट वोल्टेज का मान लगभग यथावर्त हो जायेगा इस प्रकार यह सर्किट एक वोल्ट से कम के परिवर्तन पर भी प्रभावी रूप से कार्य करता है। जीनर डायोड पर उसके ब्रेक डाउन वोल्टेज का मान अंकित रहता है। जैसे – 12V , 27V आदि।
दोस्तों उम्मीद करता हु की जीनर डायोड की कार्य विधि का आपको पता चल गया होगा। दोस्तों अगर आपको पोस्ट अच्छी लगी है तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।