कॉलापिट ऑसिलेटर और क्लैप ऑसिलेटर किसे कहते है
कॉलापिट ऑसिलेटर :- कॉलापिट नामक वैज्ञानिक द्वारा डिजाइन किये गये ऑसिलेटर सर्किट में इन्डक्टिव फीडबैक के स्थान पर कैपेसिटिव फीडबैक प्रयोग किया जाता है | इसका लाभ यह है की फीडबैक वोल्टेज ठीक 180० फेज अन्तर पर होता है | इस ऑसिलेटर में पैदा होने वाले ऑसिलेशन्स, शुद्ध साइन वेव ऑसिलेशन्स होते है |
कॉलापिट ऑसिलेटर (Colpitts Oscillator)
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चित्र में NPN ट्रांजिस्टर युक्त सर्किट दर्शाया गया है जब कैपेसिटर C1 की उपरी प्लेट पॉजिटिव होती है तो कैपेसिटर C2 की निचली प्लेट नेगेटिव होती है | इस प्रकार ट्रांजिस्टर के बेस को ठीक 180० फेज अन्तर का फीडबैक प्राप्त हो जाता है सर्किट में C3 ब्लाकिंग कैपेसिटर है यह कलैक्टर करंट के D०C० अंश को बेस पर जाने से रोकता है | कैपेसिटर C4 बेस कपलिंग कैपेसिटर है RFC कलैक्टर करंट के A०C० अंश को बैट्री पर जाने से रोकती है
इस सर्किट की फ्रीक्वेंसी निम्न सूत्र से ज्ञात की जाती है
क्लैप ऑसिलेटर (Clapp Oscillator)
यह ऑसिलेटर परिपथ कॉलापिट ऑसिलेटर परिपथ का परिवर्द्धित रूप है | इसमे टैंक परिपथ की क्वायल L के श्रेणी क्रम में एक अत्यन्त अल्प मान का कैपेसिटर C3 संयोजित किया जाता है
इस परिपथ की ऑसिलेटरी फ्रीक्वेंसी की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है |
वास्तव में CT का मान लगभग C3 के मान के बराबर होता है |
इस प्रकार यह परिपथ लगभग स्थिर मान की फ्रीक्वेंसी पैदा करता है इसके अतिरिक्त इस परिपथ द्वारा पैदा की गयी फ्रीक्वेंसी पर ट्रांजिस्टर के स्ट्रे कैपेसिटेन्सेस (stray-Capacitances) का प्रभाव कैपेसिटर C3 के द्वारा निराक्र्त (Neutralise) हो जाता है |
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