हार्टले ओसिलेटर क्या है?
सर्वाधिक प्रचलित प्रकार का ओसिलेटर परिपथ, प्रसिद्ध वैज्ञानिक हार्टले द्वारा तैयार किया गया था | हार्टले ओसिलेटर परिपथ दो प्रकार के होते है |
दोनों ही प्रकार के परिपथ रेडियो रिसीवर्स में में लोकल ओसिलेटर के रूप में आमतोर पर प्रयोग किये जाते है |
- हार्टले सीरीज फैड ओसिलेटर
- हार्टले पैरेलल फैड ओसिलेटर
सीरीज फैड परिपथ (Series Fed Circuit) – इस परिपथ में क्वायल के LC खण्ड में से प्रवाहित होने वाली विधुत धारा उसके LB खण्ड में धनात्मक फीडबैक वोल्टेज प्रेरित करती है | यह फीडबैक वोल्टेज कैपेसिटर C1 के द्वारा ट्रांजिस्टर के बेस को प्रदान कर दिया जाता है | कलैक्टर परिपथ में संयोजित कैपेसिटर C3 के द्वारा आउटपुट प्राप्त किया जाता है |
हार्टले ओसिलेटर परिपथ (Hartley Oscillator Circuit)
इन्हे भी देखे |
- चुम्बकीय रिले किसे कहते है
- कैथोड किसे कहते है
- N-P-N ट्रांसिस्टर का कार्य
- बाइपोलर ट्रांजिस्टर किसे कहते है
पैरेलल फैड परिपथ (Parallel Fed Circuit) – इस परिपथ में कलैक्टरकरंट का ए०सी० अंश क्वायल के LC खण्ड में से प्रवाहित होता है और उसके LB खण्ड में धनात्मक फीडबैक वोल्टेज प्रेरित करता है | यह फीडबैक वोल्टेज कैपेसिटर C1 के द्वारा ट्रांजिस्टर के बेस को प्रदान कर दिया जाता है | कलैक्टर परिपथ में संयोजित कैपेसिटर C3 से आउटपुट प्राप्त किया जाता है सीरीज फैड परिपथ की अपेक्षा पैरलल फैड परिपथ का कार्य अधिक संतोषजनक होता है |
इसमे कलैक्टर करंट का डी०सी० अंश फीडबैक क्वायल में से प्रवाहित नही होता अतः इसकी बेस बायस स्थिर रहती है | फलतः सर्किट द्वारा पैदा की जाने वाली फ्रीक्वेंसी का मान भी स्थिर रहता है | दोनों प्रकार के परिपथो को ओसिलेटरी फ्रीक्वेंसी की गणना निम्न सूत्र द्वारा की जाती है |
टिप्पणी – दर्शाए गये पैरेलल फैड परिपथ के लिए उपरोक्त सूत्र में C का मान C2 के मान के तुल्यं होगा
दोस्तों अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी और उपयोगी लगी है तो आपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और पोस्ट को Like और Share जरूर करे । और इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग www.electronicgyan.com को फॉलो करे.