डायोड किसे कहते है
डायोड (Diode)
किया जाने वाला वाल्व भी एक दिशा में कार्य करने वाली युक्ति है क्योंकि इसमें से करंट का प्रवाह केवल एक ही
दिशा में हो सकता है। डायोड का पूरा नाम सेमी कन्डक्टर डायोड वाल्व है। डायोड एक ऐसी यूनि ड्रेसनल डिवाइस है जिसके दो सिरे होते है इनमे से एक सिरे को एनोड तथा दूसरे सिरे को कैथोड कहते है। यह AC को DC में बदलने का कार्य करता है यह भी कह सकते है कि इसमें करंट केवल एक ही दिशा में प्रवाहित होती है दुसरी दिशा में नही होती है। क्योंकि DC करंट एक ही दिशा में प्रवाहित होती है।
जरूर पढ़े। 🙄
Cool computer backgrounds wallpaper HD Free downloads
इलैक्ट्रोनिक्स सर्किट्स में विभिन्न प्रकार के सेमी कन्डक्टर डायोडस प्रयोग में लाये जाते है। प्रत्येक डायोड का कार्य तथा उनका उपयोग अलग अलग है। ये निम्नलिखित है।
1- रैक्टिफायर डायोड (Rectifier Diode) – यह एक साधारण P-N जंक्शन डायोड है इसका आधा भाग P टाइप सेमी कन्डक्टर से तथा आधा भाग N टाइप सेमी कन्डक्टर से मिलकर बना होता है। इसका उपयोग ए. सी. वोल्टेज की डी. सी. वोल्टेज में परिवर्तित करने के लिए किया जाता है । इसीलिए इसे रैक्टिफायर डायोड कहते है। इसका प्रयोग बैटरी एलिमिनेटर बनाने तथा विभिन्न प्रकार की पावर सप्लाई सर्किट्स में किया जाता है ।
2- जीनर डायोड (Zener Diode) – इसे जीनर या एवलांची डायोड भी कहते है। इसका कार्य डी. सीं. वोल्टेज रेगुलेट कराना होता है। जीनर डायोड रिवर्स बायस में कार्य करता है । जब रिवर्स वोल्टेज बढ़ायी जाती है तो एक निश्चित वोल्टेज पर डायोड ब्रेक डाउन कर जाता है तथा बहुत अधिक मात्रा में रिवर्स करंट प्रवाहित होती है इनका उपयोग वोल्टेज रेगुलेटर सर्किट्स में किया जाता है। ये विभिन्न वोल्टेज रेटिंग के प्राप्त होते है।

3- लाइट इमिटिंग डायोड (Light Emitting Diode)- इन्हे L.E.D. भी कहते है ये एक प्रकार के P-N जंक्सन दीदी होते है। जो पारदर्शक (Transparent) मैटीरियल का बना होता है जिसके कारण जंक्शन के बीच इलैक्ट्रॉन्स तथा होल्स के संयोजन से प्रकाश उत्सर्जित होता है । जिससे इनमे रंग के अनुरूप चमक पैदा होती है इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के इलैक्ट्रोनिक्स खिलौनो इलैक्ट्रोनिक या डिजिटल घड़ियों कैल्कुलेटर्स इंत्यादि उपकरणों में किया जाता है ।
4- वैरेक्टर डायोड (Varactor Diode)- इस डायोड के अंतर्गत P-N जंक्शन के बीच एक कैपेसिटर बन जाता है जिसकी कैपासिटी रिवर्स बायस के वोल्टेज के साथ बदलती है । इसका उपयोग विभिन्न उपकरणों जैसे कलर टी.वी. रिसीवर्स के इलैक्ट्रोनिक ट्यूनर सैक्शन में L-C टयून्ड सर्किट्स की वोल्टेज को स्वतः घटाने-बढ़ाने के लिए किया जाता है ।
5- टनल डायोड (Tunnel diode) – टनल डायोड भी एक प्रकार का P-N जंक्शन डायोड ही है। परंतु इसमे एम्प्योरिटीज की अधिक मात्रा में डोपिंग कराई जाती है । एम्प्योरिटीज (Impurities) की मात्रा अधिक होने के कारण जंक्शन ब्रेक डाउन आसानी से हो जाता है और डिपलिशन लेयर (Depletion Layer) की मोटाई कम हो जाती है यह डायोड फारवर्ड बायस में कार्य करते है। इसमें ऋणात्मक प्रतिरोध होने के कारण फारवर्ड वोल्टेज बढ़ाने पर धारा का मान एक निश्चित वोल्टेज पर कम हो जाता है। ततपश्चात बढ़ता है इनका उपयोग हाई फ्रीक्वेन्सी सर्किट्स में स्विचिंग के लिए कंप्यूटर्स तथा विभिन्न लॉजिक सर्किट्स में किया जाता है ।
दोस्तों अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी और उपयोगी लगी है तो आपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और पोस्ट को Like और Share जरूर करे । और इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग www.electronicgyan.com को फॉलो करे.
Good information
धन्यवाद, इलैक्ट्रोनिक्स की जानकारी के लिए पढते रहे Electronic Gyan