कैथोड किसे कहते है?
कैथोड किसे कहते है वाल्व में इलैक्ट्रॉन्स का एमीशन करने वाला इलैक्ट्रोड कैथोड कहलाता है। कैथोड को गर्म करने के लिए अपनाई गई विधियों के आधार पर कैथोड्स निम्नलिखित दो प्रकार के होते है।
1-डायरेक्टली हिटिड कैथोड (Directly Heated Cathode)– ये कैथोड, शुद्ध टँगस्टन अथवा थोरियम ऑक्साइड युक्त टँगस्टन धातु के बनाये जाते है। शुद्ध टँगस्टन कैथोड 2100°C से 2200°C तापमान पर तथा थोरियम ऑक्साइड युक्त टँगस्टन कैथोड 1500°C से 1600°C तापमान पर इलैक्ट्रॉन्स का उत्सर्जन करता है इनमे से दूसरी प्रकार का कैथोड अधिक उपयोगी तथा टिकाऊ होता है,
2-इनडायरेक्टली हिटिड कैथोड (Indirectly Heated Cathode) – ये कैथोड निकिल अथवा अन्य उपयुक्त मिश्र धातु के बनाये जाते है कैथोड का आकार खोखले बेलन जैसा होता है और उस पर बेरियम या स्ट्रॉन्शियम ऑक्साइड की पर्त चढ़ा दी जाती है। कॉथोड़ को ऊष्मा देने के लिए पृथक फिलामैन्ट प्रयोग किया जाता है। ये कैथोड 800°C से 900°C ताप पर इलैक्ट्रॉन्स छोड़ते है।
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कैथोड किसे कहते है
तुलनात्मक विशेषताएँ
- इनडायरेक्टली हिटिड कैथोड काम तापमान पर इलैक्ट्रॉन्स छोड़ता है परन्तु इसे गर्म करने के लिए अधिक वोल्टेज तथा करंट की आवश्यकता होती है।
- इनडायरेक्टली हिटिड कैथोड को ए०सी० अथवा डी०सी० किसी भी प्रकार के करंट से गर्म किया जा सकता है और इससे वाल्व के कार्य पर कोई प्रभाव नही पड़ता।
- डायरेक्टली हिटिड कैथोड को केवल डी०सी० से गर्म किया जा सकता है यदि इसे ए०सी० से गर्म किया जायेगा तो वाल्व के आउटपुट में ए०सी० का प्रभाव विधमान रहेगा और इस प्रकार के वाल्वस् से बने रेडियो रिसीवर में हमिंग ध्वनि (Humming sound) विधमान रहेगी।
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