कैपेसिटर क्षतियाँ

हेल्लो दोस्तों
आज आप को बताते है कैपेसिटर लॉस के बारे में कैपेसिटर में  कौन-कौन से लॉस हो सकते है। किसी भी कॉम्पोनेंट को यूज करने से पहले हमें उनके लॉस का पता होना चाहिए।

कैपेसिटर क्षतियाँ 

यदि किसी कैपेसिटर को चार्ज करके रख दिया जाय तो कुछ समय बाद उसका चार्ज घट जाता है अथवा समाप्त हो जाता है इसका कारण है कैपेसिटर क्षतियाँ जो निम्न है।

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कैपेसिटर क्षतियाँ
कैपेसिटर

1-रेसिस्टेन्स क्षति ( Resistance Loss )–कैपेसिटर की चालक प्लेटो, कनैक्टिंग लिड्स तथा संयोजक तारो में कुछ न कुछ रेसिस्टेंस अवश्य होता है और इस रेसिस्टेंस के कारण वैधुतिक ऊर्जा का अपव्यय होता है । इस प्रकार कैपेसिटर के रेसिस्टेन्स द्वारा होने वाली वैधुतिक शक्ति की क्षति (Ic2.R)रेजिस्टेंस क्षति कहलाती है ।

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कैपेसिटर क्षतियाँ 

2-लीकेज क्षति (Leakage Loss)–किसी चार्जड कैपेसिटर में नेगेटिव प्लेट से पॉजिटिव प्लेट की और डाइलैक्ट्रिक में से होकर इलैक्ट्रोंस का प्रवाह धीमी गति से होता रहता है डाइलैक्ट्रिक में से करंट प्रवाह होने से वह गर्म हो जाता है और इस प्रकार वैधुतिक शक्ति की क्षति होती है अतः डाइलैक्ट्रिक में से होकर प्रवाहित होने वाली करंट के कारण वैधुतिक ऊर्जा क्षति लीकेज क्षति कहलाती है ।

क्योंकि कोई भी अचालक आदर्श अचालक नही होता अतः लीकेज क्षति को पूरी तरह दूर नही किया जा सकताहै जिस कैपेसिटर में उच्च डाइलैक्ट्रिक कॉन्स्टेन्ट का डाइलैक्ट्रिक प्रयोग किया जाता है उसमें यह क्षति कम होती है जैसे सैरामिक कैपेसिटर

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3-डाइलैक्ट्रिक क्षति ( Dielectric Loss )– यदि किसी चार्जड कैपेसिटर को किसी चालक तार से शॉर्ट-सर्किट कर दिया जाए तो वह डिस्चार्ज हो जाता है परन्तु यदि कुछ समय बाद कैपेसिटर की पुनः परीक्षा दी जाये तो उसमें कुछ चार्ज पाया जाता है। इसका कारण है डाइलैक्ट्रिक द्वारा चार्ज का शोषण। इस प्रकार यह ज्ञात होता है कि कैपेसिटर चार्जिंग के समय अव्यवस्थित हो गई इलैक्ट्रॉन कक्षाये कैपेसिटर को डिस्चार्ज कर देने के बाद भी शीर्घ ही अपनी मूल अवस्था में आ जाती है।

यदि कैपेसिटर को A.C. दी जाये तो यह प्रभाव और बढ़ जाता है । फ्रीक्वेन्सी में व्रद्धि के साथ यह प्रभाव भी बढ़ता जाता है इस प्रकार हाई फ़्रिक्वेन्सीज पर डाइलैक्ट्रिक द्वारा शोषित चार्ज की क्षति डाइलैक्ट्रिक क्षति कहलाती है ।

कैपेसिटर को A.C. वॉल्टेज देने पर इलैक्ट्रॉन कक्षाये निरन्तर अव्यवस्थित होती रहती है और इसके कारण होने वाली वैधुतिक शाक्ति को डाइलैक्ट्रिक हिस्टरेसिस क्षति (Dielectric hysteresis loss) भी कहते है।
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