pnp और npn ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर – Electronic Gyan
PNP और NPN ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर PNP और NPN के बीच एक बड़ा अन्तर यह है की NPN ट्रांजिस्टर में Collector से Emitter के बीच करंट का प्रवाह तब होता है जब हम Base पर positive सप्लाई देते है। जबकि PNP ट्रांजिस्टर में Emitter से Collector के बीच करंट का प्रवाह तब होता है जब हम Base पर negative सप्लाई देते है। ट्रांजिस्टर में Collector और Emitter junction बड़ा होता है। जबकि base junction पतला और lightly doped होता है।
PNP और NPN ट्रांजिस्टर पर लिखे कोड से पता लगता है। की ट्रांजिस्टर किस सेमीकंडक्टर का बना हुवा है। और अंकित कोड से ही यह भी पता चलता है की ट्रांजिस्टर की ऑपरेटिंग फ्रीक्वेंसी रेंज क्या है। कोड के द्वारा ट्रांजिस्टर की पहचान केसे करते है यह जानने के लिए निचे दी गई पोस्ट को पढ़े ।
PNP और NPN दोनों ही प्रकार के ट्रांजिस्टर bipolar ट्रांजिस्टर है। मुख्यतः ट्रांजिस्टर का उपयोग switching और सिगनल amplification के लिए किया जाता है। PNP ट्रांजिस्टर की अपेक्षा NPN ट्रांजिस्टर का उपयोग सर्किट्स में अधिक किया जाता है। क्योकि NPN ट्रांजिस्टर में electrons की संख्या अधिक होती है। इसीलिए NPN ट्रांजिस्टर का उपयोग सर्किट्स में अधिक किया जाता है। bipolar ट्रांजिस्टर के बारे में जानने के लिए निचे दी गई पोस्ट को पढ़े ।
PNP और NPN ट्रांजिस्टर के बीच का अंतर
Comparison आधार | NPN ट्रांजिस्टर | PNP ट्रांजिस्टर |
---|---|---|
Definition | NPN ट्रांजिस्टर में दो n-type layer होती है। जिन्हें एक पतली P-type layer से अलग किया जाता है। | PNP ट्रांजिस्टर में दो p-type layer होती है। जिन्हें एक पतली n-type layer से अलग किया जाता है। |
Symbol | ||
Full Form | Negative Positive and Negative | Positive Negative and Positive |
Direction of Current | Collector to Emitter | Emitter to Collector |
Turn-on | Positive supply base पर देने पर . | Negative supply base पर देने पर . |
Majority Charge Carrier | Electron | Hole |
Switching Time | Faster | Slower |
Minority Charge Carrier | Hole | Electron |
Positive Voltage | Collector Terminal | Emitter Terminal |
Forward Biased | Emitter Base Junction | Emitter Base Junction |
Reverse Biased | Collector Base Junction | Collector Base Junction |
Small current | Flows from emitter-to-base | Base to emitter |
Ground Signal | Low | High |
PNP और NPN ट्रांजिस्टर के बीच का मुख्य अंतर निचे दिये गये है
- NPN ट्रांजिस्टर में दो n-type semiconductor materials होते है। जिन्हें एक पतली P-type semiconductor materials से अलग किया जाता है। जबकि PNP ट्रांजिस्टर में दो p-type semiconductor materials होते है। जिन्हें एक पतली n-type semiconductor materials से अलग किया जाता है।
- NPN और PNP ट्रांजिस्टर के चित्र देखने में बिलकुल एक जेसे दिखते है। दोनों में तीन ही पिन होती है Base, Collector. Emitter, अन्तर केवल तीर चिन्ह (arrow) का होता है जो कि Emitter पर दर्शाया जाता है। NPN ट्रांजिस्टर में Emitter पर arrow का चिन्ह बहार की ओर होता है जबकि PNP ट्रांजिस्टर में Emitter पर arrow का चिन्ह अन्दर की ओर होता है।
- NPN ट्रांजिस्टर पर Electrons की संख्या अधिक होती है जबकि PNP ट्रांजिस्टर पर Hole की संख्या अधिक होती है।
- NPN ट्रांजिस्टर पर Hole की संख्या कम होती है और PNP ट्रांजिस्टर पर Electrons की संख्या कम होती है।
- PNP ट्रांजिस्टर में current का प्रवाह emitter से collector की ओर होता है। जबकि NPN ट्रांजिस्टर में current का प्रवाह collector से Emitter की ओर होता है। और base पर positive supply दी जाती है।
- NPN ट्रांजिस्टर को ON करने के लिए base पर positive supply देते है। और PNP ट्रांजिस्टर को ON करने के लिए base पर negative supply देते है।
- PNP ट्रांजिस्टर की अपेक्षा NPN ट्रांजिस्टर का switching time अधिक तेज होता है क्योकि NPN ट्रांजिस्टर पर Electrons की संख्या अधिक होती है।
- Supply voltage के आधार पर अन्तर NPN ट्रांजिस्टर में Collector पर positive voltage जबकि PNP ट्रांजिस्टर में emitter पर positive voltage दिया जाता है।
NPN ट्रांजिस्टर की परिभाषा
Transistor एक ऐसा electronic switch है जो Amplification और स्विचिंग का कार्य कर सकता है इसमें कम से कम तीन सिरे होते है जिनमे से एक को base दूसरे collector तथा तीसरे को emitter कहते है सामान्य तौर पर जो transistor हम इस्तेमाल करते है वह बाइपोलर ट्रांसिस्टर कहलाते है बाइपोलर ट्रांजिस्टर दो प्रकार के होते है। NPN ट्रांजिस्टर में दो N-क्षेत्र होते है जिन्हें एक पतले P-क्षेत्र से अलग किया जाता है। NPN ट्रांजिस्टर में electrons की मात्रा अधिक होती है दोनों N-क्षेत्र highly doped होते है। जबकि P-क्षेत्र पतला और lightly doped होता है। जब NPN ट्रांजिस्टर को निचे दिये गये circuit के अनुसार जोड़ते है तो ट्रांजिस्टर में से करंट प्रवाह प्रारम्भ हो जाता है। करंट की दिशा हमेशा इलेक्ट्रान के विपरीत होती है।
PNP ट्रांजिस्टर की परिभाषा
PNP ट्रांजिस्टर भी NPN ट्रांजिस्टर की तरह बिलकुल समान होता है इसमें भी कम से कम तीन सिरे होते है जिनमे से एक को base दूसरे collector तथा तीसरे को emitter कहते है। अन्तर केवल इतना होता है की इसमे दो P-क्षेत्र होते है जिन्हें एक पतले N-क्षेत्र से अलग किया जाता है। दोनों p-क्षेत्र highly doped होते है। जबकि n-क्षेत्र पतला और lightly doped होता है। निचे दिये गये circuit के अनुसार जब ट्रांजिस्टर को जोड़ते है तो उसमे से से करंट प्रवाह प्रारम्भ हो जाता है।
दोस्तों अगर हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी और उपयोगी लगी है तो आपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। और पोस्ट को Like और Share जरूर करे । और इलेक्ट्रॉनिक्स की जानकारी के लिए हमारे ब्लॉग को फॉलो करे.
So nice information.
Nice write up
आपकी सभी Article को मैं पड़ता हु।
Thanku