क्रिस्टल ऑसिलेटर का FET कन्ट्रोल्ड ऑसिलेटर परिपथ
एक अन्य प्रकार का FET आधारित क्रिस्टल ऑसिलेटर परिपथ है I यह परिपथ FET क्रिस्टल ऑसिलेटर अथवा पियर्स क्रिस्टल कन्ट्रोल्ड ऑसिलेटर (Pierce Crystal Controlled Oscillator) कहलाता है |
क्रिस्टल ऑसिलेटर का FET कन्ट्रोल्ड ऑसिलेटर परिपथ
इस परिपथ में कोई टयून्ड परिपथ प्रयोग नही किया गया है अतः परिपथ की ऑसिलेटरी फ्रीक्वेंसी का निर्धारण क्रिस्टल के द्वारा ही किया जाता है | CC क्रिस्टल कपलिंग कैपेसिटर है और RG गेट बायसिंग प्रतिरोधक है |
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परिपथ का आउटपुट कैपेसिटर CO के द्वारा प्राप्त किया जाता है क्रिस्टल को प्रारम्भ में आउटपुट से कैपेसिटर CC द्वारा प्राप्त उर्जा से चालू किया जाता है | यह उर्जा फीडबैक के रूप में क्रिस्टल के द्वारा इनपुट परिपथ को दे डी जाती है जिससे की ऑसिलेशन्स जारी रह सके |
क्रिस्टल ऑसिलेटर के गुण और अवगुण
गुण :-
(i) क्रिस्टल ऑसिलेटर अपनी फ्रीक्वेंसी के लिए विख्यात है।
(ii) क्रिस्टल अपनी प्राकृतिक फ्रीक्वेंसी पर ऑसिलेट करता है इसलिए फ्रीक्वेंसी रेसपोंस वक्र बहुत नुकीले शीर्ष वाला होता है। अतः इसके द्वारा पैदा की गई फ्रीक्वेंसीज एक तंग फ्रीक्वेंसी बैंड में सिमित होती है।
(iii) क्रिस्टल ऑसिलेटर का उपयोग फ्रीक्वेंसी मापक उपकरणों ट्रांसमिटर्स आदि में किया जाता है।
अवगुण :-
(i) क्रिस्टल केवल एक ही फ्रीक्वेंसी पर ऑसिलेट करता है। अतः अलग – अलग फ्रीक्वेंसी प्राप्त करने के लिए अलग – अलग क्रिस्टल प्रयोग करने पड़ते है।
(ii) क्रिस्टल ऑसिलेटर का आउटपुट L-C ऑसिलेटर की अपेक्षा कम होता है।
(iii) ऐसे उपकरणों में , जिनमे फ्रीक्वेंसी को बार बार परिवर्तित करना होता है। क्रिस्टल ऑसिलेटर प्रयोग नहीं किया जा सकता है।
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