मल्टीमीटर से ट्रांसिस्टर की टैस्टिंग करना
ट्रांसिस्टर्स को चैक करने के लिए विभिन्न प्रकार के ट्रांसिस्टर टैस्टर इंस्ट्रूमेंट का प्रयोग किया जाता है। इनमे से क्विक टैस्ट ट्रांसिस्टर टैस्टर काप्रयोग सर्किट में कनैक्ट ट्रांसिस्टर को टैस्ट करने के लिए किया जाता है। कुछ अन्य ट्रांसिस्टर टैस्टर से ट्रांसिस्टर टैस्ट करने के लिए सर्किट से बाहर निकालना पड़ता है। इन सभी सर्विस टाइप ट्रांसिस्टर टैस्टर से ट्रांसिस्टर के जंक्शन रेजिस्टेंस मापकर बेस कलैक्टर तथा एमीटर के बीच शार्ट सर्किट अथवा ओपन सर्किट का पता लगाया जाता है। इसके साथ ही जंक्शन के बीच लीकेज करंट का पता भी चल जाता है। इसके अतिरिक्त ट्रांसिस्टर्स को साधारण मल्टीमीटर से भी टैस्ट किया जा सकता है। मल्टीमीटर से ट्रांसिस्टर की टैस्टिंग करने के लिए निम्न विधि अपनाते है।
किसी भी ट्रांसिस्टर में (P.N.P अथवा N.P.N में) दो जंक्शन होते है। एक बेस कलैक्टर जंक्शन तथा दूसरा बेस एमीटर जंक्शन । प्रत्येक ट्रांसिस्टर में दो डायोड कार्य करते है। P.N.P ट्रांसिस्टर में बेस कोमन कैथोड की भाँति तथा N.P.N ट्रांसिस्टर में बेस कोमन एनोड की भाँति कार्य करता है।
मल्टीमीटर से ट्रांसिस्टर की टैस्टिंग करना
1- P.N.P ट्रांसिस्टर टैस्टिंग : मल्टीमीटर को रेसिस्टेन्स की रेंज में सैट करते है। अब मल्टीमीटर की पॉजिटिव लीड को बेस पर तथा निगेटिव लीड को कलैक्टर पर कनैक्ट करते है, इस अवस्था में में बेस कलैक्टर जंक्शन रिवर्स बायस में होगा जिससे सर्किट में कोई भी करेंट प्रवाहित नही होगा और मल्टीमीटर अधिकतम रेसिस्टेन्स प्रदर्शित करेगा। यही स्थिति निगेटिव लीड एमीटर तथा पॉजिटिव लीड बेस पर कनैक्ट करने से प्राप्त होगी। जब मीटर की लीड्स को उलट दे अर्थात निगेटिव बेस पर तथा पॉजिटिव कलेक्टर अथवा एमीटर पर तब इस स्थिति में दोनों जंक्शन फारवर्ड बायस में आ जाते है। जिससे सर्किट में अधिकतम करेंट प्रवाहित होती है । और मल्टीमीटर कम से कम रेसिस्टेन्स प्रदर्शित करता है। अब ट्रांसिस्टर के कलैक्टर पर निगेटिव लीड तथा एमीटर पर पॉजिटिव लीड कनैक्ट करते है, इस स्थिति में ट्रांसिस्टर के दो डायोड में से एक डायोड रिवर्स बायस में रहता है जिससे मीटर अधिकतम रेसिस्टेन्स प्रदर्शित करता है। मल्टीमीटर की लीड्स को बदलने पर भी उपरोक्त स्थिति प्राप्त होगी उपरोक्त सभी स्थितियों में यदि मल्टीमीटर इससे भिन्न रीडिंग प्रदर्शित करता है तो ट्रांसिस्टर ख़राब होगा।
इन्हे भी देखे।
- P-N-P ट्रांसिस्टर का कार्य
- N-P-N ट्रांसिस्टर का कार्य
- ट्रांसिस्टर्स की संरचना
- बाइपोलर ट्रांसिस्टर किसे कहते है?
- ट्रांसिस्टर इलैक्ट्रोड्स की पहचान करना
2-N.P.N ट्रांसिस्टर टैस्टिंग : N.P.N ट्रांसिस्टर में बेस P टाइप मैटीरियल तथा कलेक्टर एमीटर N टाइप मैटीरियल से बने होते है। अतः जब मल्टीमीटर की पॉजिटिव लीड बेस पर तथा निगेटिव लीड को कलेक्टर अथवा एमीटर पर कनैक्ट करते है तो दोनों ही जंक्शन फॉरवर्ड बायस में होता है। इसीलिए इस स्थिति में मल्टीमीटर निम्न रेसिस्टेन्स प्रदर्शित करता है तो ट्रांसिस्टर सही है अन्यथा ख़राब। क्योकि इस स्थिति में उच्च रेसिस्टेन्स प्रदर्शित होने का अर्थ है जंक्शन का ओपन होना। यदि मल्टीमीटर की लीड्स को बदल दिया जाये अर्थात निगेटिव लीड् को बेस पर तथा पॉज़िटिव को एमीटर या कलैक्टर पर तब मीटर उच्च रेसिस्टेन्स प्रदर्शित करेगा ट्रांसिस्टर के एमीटर तथा कलैक्टर के बीच मल्टीमीटर को किसी भी प्रकार से कनैक्ट करने पर उच्च रेसिस्टेन्स प्रदर्शित करना चाहिये तभी ट्रांसिस्टर सही होगा । यदि निम्न रेसिस्टेन्स प्राप्त होता है तो कलैक्टर एमीटर जंक्शन शॉर्ट होगा जिससे ट्रांसिस्टर ख़राब कहलायेगा।
- मल्टीमीटर के द्वारा ट्रांसिस्टर टैस्ट करते समय ट्रांसिस्टर की तारो को हाथ से नही छूना चाहिये।
- एनालॉग मल्टीमीटर को प्रयोग करने से पूर्व जीरो सैट अवश्य कर लेना चाहिये अन्यथा रीडिंग में त्रुटि आ जायेगी।
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