ब्रिज रेक्टिफायर किसे कहते है।
हेल्लो दोस्तों
आज हम आपको बता रहे है ब्रिज रेक्टिफायर किसे कहते है ब्रिज रेक्टिफायर एक बहुत ही उपयोगी रेक्टिफायर है जिसका उपयोग इलैक्ट्रॉनिक्स सर्किट्स में A.C. को D.C. में बदलने के लिए सब रेक्टिफायर से अधिक किया जाता है।
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ब्रिज रेक्टिफायर (Bridge Rectifier)
सामान्य प्रकार के फुल वेव रेक्टिफायर के लिए सही मध्य सिरे की सेकेण्डरी वाला ट्रांसफार्मर (Transformer with center-tapped secondary) अत्यावश्यक है।ब्रिज रेक्टिफायर सर्किट में उपरोक्त प्रकार का ट्रांसफार्मर नही लगाना पड़ता। इसमे चार डायोड व्हीट स्टोन ब्रिज सर्किट की भाँति लगाये जाते है इसीलिए यह सर्किट ब्रिज रेक्टिफायर कहलाता है। यह सर्किट फुल–वेव रेक्टिफिकेशन करता है।
जैसा की चित्र में दिखाया गया है चार डायोड इस प्रकार संयोजित किये जाते है कि उनमें से दो टर्मिनल B के पॉजिटिव होने पर कार्य करते है और शेष दो टर्मिनल D कि पॉजिटिव पॉजिटिव होने पर। माना कि सिरा B पॉजिटिव हैं तो इलैक्ट्रॉन्स का प्रवाह डायोड D1 तथा D3 में से होगा जबकि सिरा D पॉजिटिव होने पर इलैक्ट्रॉन्स का प्रवाह डायोड D2 तथा D4 में से होगा । दोनों ही दिशाओं में लोड रेसिस्टर में से करंट प्रवाह की दिशा एक ही होगी। इस प्रकार लोड रेसिस्टर के एक्रॉस डी०सी० वोल्टेज प्राप्त होगा। सामान्य फुल वेव रेक्टिफायर की भाँति ही आउटपुट की रिपिल फ़्रिक्वेसी सप्लाई फ्रीक्वेंसी की दो गुनी(100Hz) होगी।
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लाभ–सामान्य फुल वेव रेक्टिफायर की अपेक्षा इसमे दो गुना आउटपुट प्राप्त होता है क्योंकि इसमें मध्य सिरे वाली सेकेण्डरी वाइन्डिंग युक्त ट्रांसफार्मर नही है।
अवगुण–चार डायोड प्रयोग किये जाने के कारण या सर्किट कुछ मंहगा पड़ता है और यदि डायोड वाल्व टाइप सर्किट है तो उसका शक्ति व्यय कुछ अधिक होगा क्योंकि चार वाल्व फिलामेन्ट अधिक शक्ति व्यय करेंगे।
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