चुम्बकीय रिले किसे कहते है
परिचय – विधुत चुम्बकीय युक्ति जिससे एक साथ कई सर्किट्स को आवश्यकता के अनुसार ऑन या ऑफ किया जा सकता है चुम्बकीय रिले या केवल रिले कहलाती है । यह प्रायः 3 वोल्ट से 24 वोल्ट तक डी० सी० पर कार्य करती है । परंतु आवश्यकता के अनुसार इससे अधिक वोल्टेज पर कार्य करने वाली रिले भी बनाई जाती है कम वोल्टेज पर कार्य करने वाली रिले मिनिएचर रिले (miniature relay) भी कहलाती है ।
चुम्बकीय रिले किसे कहते है
संरचना – इसमे मुख्यत एक विधुत चुम्बक रीड (reed) , NO तथा NC संयोजक (NO Normally Open , NC Normally Closed) होते है,
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कार्य– विधुत चुम्बक को डी०सी० सिगनल देने पर वह उत्तेजित हो जाती है और रीड को आकर्षित कर लेती है । रीड के साथ जुड़े NO संयोजक वांच्छित सर्किट को जोड़ देता है और NC संयोजक वांच्छित सर्किट को open कर देता है ।
विशेषताए
- इसके द्वारा कन्ट्रोल सर्किट को निम्न वोल्ट पर चलाया जा सकता है जिसमे वैधुतिक शक्ति व्यय काम होता है एव ऑपरेटर को विधुत झटका लगने की सम्भावना भी नही रहती ।
- यह केवल पूर्व निर्धारित वोल्टेज तथा करंट मान पर ही कार्य कर सकती है उससे कम पर नही ।
- ट्रांजिस्टर सर्किट युक्त रिले से रिमोट कन्ट्रोल व्यवस्था स्थापित की जा सकती है
- NO तथा NC संयोजक सिल्वर या प्लैटिंग धातु के बनाये जाते है औऱ ये अच्छा विधुत सम्बन्ध स्थापित करते है ।
उपयोग – रिले का उपयोग रिसीवर ट्रांजिस्टर, रेफ्रिजरेटर, वोल्टेज स्टेबिलाइजर, टेलीफोन, कंट्रोल सर्किट्स एव रिमोट कन्ट्रोल सर्किट्स में किया जाता है।
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